आरक्षण क्यो जरुरी है | भारत बंद क्यू | SC ST | Why is reservation necessary? Why Bharat Bandh? Is the existence of SC ST in danger? | bharat bandd |
आरक्षण क्यो जरुरी है | भारत बंद क्यू | क्या SC ST का अस्तित्व खतरेमे है ?
Why is reservation necessary? Why Bharat Bandh? Is the existence of SC ST in danger?
अश्वमेघ पाटिल |
मैं,एक चिंतित नागरिक के रूप में, दिनांक 1 अगस्त, 2024 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित एससी/एसटी आरक्षण के संबंध में फैसले के विरुद्ध अपनी गहरी चिंता व्यक्त करना चाहता हूँ।
मैं माननीय न्यायालय का ध्यान संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 की ओर दिलाना चाहूंगा। अनुच्छेद 14 सभी नागरिकों को कानून के समक्ष समानता का अधिकार प्रदान करता है। अनुच्छेद 15 जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। अनुच्छेद 16 सभी नागरिकों को राज्य के अधीन किसी भी पद पर नियुक्ति के लिए समान अवसर प्रदान करता है।
मेरे विचार में, सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इन मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। कोटे के भीतर कोटा बनाकर, हम अनिवार्य रूप से कुछ समूहों को दूसरों पर प्राथमिकता दे रहे हैं, जो कि अनुच्छेद 14 के सिद्धांत के विरुद्ध है।
इसके अतिरिक्त, यह फैसला 2004 के ईवी चिन्नैया मामले के फैसले का सीधा विरोध करता है। उस मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा था कि एससी और एसटी एक सजातीय वर्ग हैं और उनमें उप-वर्ग नहीं बनाए जा सकते। इस फैसले ने यह भी कहा था कि आरक्षण का उद्देश्य सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाना है, न कि एक वर्ग को दूसरे वर्ग पर हावी करना।
मैं यह भी कहना चाहूंगा कि इस तरह के कोटे के भीतर कोटा बनाने से आरक्षण प्रणाली को और जटिल बना दिया जाएगा और इससे विभिन्न समुदायों के बीच तनाव बढ़ सकता है। यह फैसला आरक्षण के मूल उद्देश्य को ही कमजोर करेगा जो कि सामाजिक न्याय और समानता को सुनिश्चित करना है।
मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाए और संविधान के मूल सिद्धांतों के अनुरूप एक नया फैसला सुनाया जाए।
धन्यवाद।
अश्वमेघ पाटिल
यह संवैधानिक लड़ाई है इसे पूरा करने के लिए संवैधानिक एवं कानूनी तौर तरीके से यह लड़ाई लड़ी जा सकती है
भारत बंद करने से परेशानियों का सामना, हर उस व्यक्ति को करना
पड़ेगा जो एससी एसटी के कानून के दायरे में भी नहीआता
भारत बंद सें आर्थिक परेशानियो का सामना करना पड़ेगा
बंद सें एससी एसटी वर्ग अन्य वर्गों की नजर में अपने आप ही बदनाम हो जाएगा l
तो क्या भारत बंद एससी एसटी वर्ग को बदनाम करने का यह एक षड्यंत्र है❓
shankar inwate |
भारतामध्ये जेव्हा पर्यंत छुत अछूत चा भेदभाव संपणार नाही
समानता बंधुता निर्माण होत नाही तेव्हा पर्यंत आरक्षण SC ST OBC ला असायला पाहिजे,
सुप्रीम कोर्टाने निर्णय दिला त्या निर्णयावर समाजाचे तुकडे पडतील... समाज वाटल्या जाईल
bala meshram |
ज्याने हा निर्णय Political नसून Judiciary आहे... असं देखील ते सिद्ध करतील आणि आम्ही SC/STआणि OBC च्या बाजूने आहोत असं देशाला सांगून महाराष्ट्रात होणाऱ्या विधानसभेचा निवळणुकित आणखी जास्त जोमाने मतदारांचे विश्वास जिंकून भरगोश मत मिळवतील...
ही सध्या त्यांची विचार प्रवृत्ती असून भाजपची मोठी खेळी आहे,ज्यात सर्व सामान्य व्यक्ती बळी पळू शकतो...
ज्या पद्धतीने तो 2014 च्या निवळणुकीत प्रत्येकी 15 लाख रुपये आणि आता लाडली बहन योजनेला पडलेला आहे.
सुप्रीम कोर्टाचे 7 जज बेंच वरील हा निर्णय नसून तो फक्त 5 जज बेंच वरील जजांचा निर्णय आहे...
जो असंवैधनिक आहे...म्हणून तो अध्यादेश फेटाळला जाईल व देशात आणि राज्यात भाजपचं उदो -उदो होईल...
पण जो पर्यंत हा निर्णय सर्व सामान्य व्यक्तींचा बाजूने लागत नाही तो पर्यंत हे आंदोलनं सक्रिय असणे हे देखील तितकेच गरजेचे आहे...
bala meshram
Ajay chwhan |
Ajay chwhan
रजनिश वामन मेश्राम |
Why is reservation necessary? Why Bharat Bandh? Is the existence of SC ST in danger?
भारत पगारे |
आरक्षण के जनक कोण है ? और क्यों आरक्षण के जरिए राजनैतिक पार्टी सत्ता बनाई बैठी है। आरक्षण का विरोध होनेका एकहि कारण है जोकि आम जनता को पताही नहीं है की आरक्षण समान अधिकार बहाल कराता है। नाकि आर्थिक परिस्तिथि को। अगर आरक्षण एक पीढ़ी तक सिमित रहे तो फिर सर्वोच्च न्यायलय के जज क्यों पारम्परिक तौरपे जज बन रहे है इन्हेंभी UPSC पास कर अपनी काबिलियत दिखाना होगा।
आज अनुसूची जाती और अनुसूचित जनजाति को आर्थिक आधार पे आरक्षण नहीं है यहाँ आरक्षण समानता प्रदान हो इस वजहसे है। आर्थिक परिस्तिथि आज अच्छी होनेको बावजूद समानता कहा मिलरही है। ऐसे कही राज्य है जहापे अनुसूचित जाती एवं अनुसूचित जनजाति को आजभी पैर की धूल समजा जाता है, उनकी आर्थिक परिस्थिति बेहतर होनेके बावजूद। मूलतः आरक्षण यह सभी जाती का अधिकार जो आज भी समाजमे उच्च-निच के भवर में फांसी है।और सर्वोच्च न्यायलय इसके साक्ष है, की इन दबके-कुचले समाज को मुख्या प्रवाह में लाये नाकि उनका अस्तित्व ख़त्म करदे।
Why is reservation necessary? Why Bharat Bandh? Is the existence of SC ST in danger?
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