वेकोली के गोंड़ेगाव एव इन्दर ओपन कास्ट के परिसर मे हो रहा कोयला बडी तदात मे चोरि
वेकोली के गोंड़ेगाव ओपन कास्ट एव इन्दर ओपन
कास्ट के परिसर मे हो रहा
कोयला बडी तदात मे चोरि
वेस्टर्न कोलफिल्ड
लिमिटेड (wcl) के परिसर इस वक्त बडी मात्रा मे कोयला चोरी होते नगर आरही है. इस कोयलेकी चोरी को रोकने के लिए प्रशासन के पास एव संभालणे के लिये पूरा जुगाड़ होने के बावजूद ,wcl इसे नजर अंदाज कर
ते नजर आ राहा है.
देखा जता है की
नागपुर समीप जो wcl मायनिग से कोयला निकल रहा है व बहुत सा कोयला चोरी होजाता है.
इस किसीकी पहल नहीं होती की यहाँ चोरी होते कोयला रोके जाये. इस सभी चीज को देखते नजर अता है की कही इसमें
मिलीजुली सरकार तो नहीं. जबकि गोंडेगाव ओपन कास्ट माईन, से लेके जो अभी अभी नई खादने खुदी वहा तक्के
चोरी धड़ल्ले से सुरु है. इधर देखा जाए तो...
कोयला कंपनी पॉवर प्लांट को कोयला पुराने में असक्षम है उधर कोयला धड़ल्लेसे चोरी
होते जारहा है.
गोंड़ेगाव ओपन
कास्ट घाट रोहना ओपन कास्ट एव इन्दर ओपन कास्ट जैसी खदाने जो उत्पादन करने में आगे है. और देखा जये
तो इन खदानोका उत्पादन भी उच्चा गुणवत्ता वाला है. जहा देखा जाये तो गोंडेगाव के
लगभग गुप्ता कोलवाशरी भी है जोकि वेकोली से कोयला लेके साफ़ कर पॉवर प्लांट को
देनेके कम करती है. वही आसपास देखा जाये तो कोयला चोरोकी तादात इतनी जादा है की
लगभग १० से १२ ट्रक कोयला निकल जाये इतना कोयला चोरी कर कोयला टाल को लगभग ३ रुपये
किलो के भाव से खरेदी किया जाता है. जिसमे यहाँ कोयला मोटी रक्कम में दूसरी जगह
बेचा जाता है.
अगर देखा जाये तो
कोई साधारण या कहे तो आम लोगोके बस की बात नहीं है. ऐसा प्रतीत होता है की इसमें या
कहेतो कहि-नकही वेकोली के अधिकारी भी शामिल हो सकते है. कोयला जिसतरह निकाला जरह
है अगर देखा जाये तो इस पुरे कारोबार में करोडो का हेरा फेरी का मामला होनेसे कोई
झुटला नहीं सकता.
इस पुरे कोयला चोरी के कारोबार में बगेर साटगाट के काम होना असंभव है. इस में कोयला चोरी करते जो लोग है वह तो कोयला कन्धोपर,सायकिल पर, मोटर सायकल पर कोयला लाया जाता है. जोकि यहाँ कोयला कोई किलो के हिसाब से लेता है तो कोई बोरेसे थोक ही लेता है. इस पुरे कारोबार में रोज कोयला १२ से १५ ट्रक ८००० से ९००० रुपये टन के हिसाब से बेचा जाता है. जिसमे कोयला चोरोसे सीधा-सीधा नगद २.५ रूपये से लेकर ३ रुपये तक कोयला किलो खरेदी की जाती है. इस में तो महिला तक्के शामिल होती है.
जहा देखा जाये तो
पुरे भारत में बिजली उत्पादन में कोयले की किल्लत नजर आरही है वही कोयला सरेआम बड़ी
मात्र में चोरी होते नजर आरा है. कोयला
टाल के गिनती करना असंभव है की यह कितने मात्रामे कोयले की टाल है. वही यहाँ समजना
असम्भव है की यहाँ चोरीका कोयला बेचने के लिए असली परमिट लाते कहा से है.? यहाँ
चोरी का कोयला ट्रांसपोर्ट करने के लिए कोयले की परमिट कोण प्रदान करता है.?
जिस तरह देखा जाये तो लगभग दिन में १०० तक के इस
रोज चोरी का कोयला हेरा फेरी में स्थानिक
उपक्षेत्र प्रबंधक से लेकर वेस्टर्न कोल्फोल्ड लिमिटेड (वेकोली) के मुख्याल के अधिकारी को पता होने के बावजूद चुप्पी क्यों साधे
है? इन सभी कारोबार में भारत के राज्स्वो को करोडो का नुक्सान तो होरहा है साथ-साथ
इन सभी वजहसे कही न बिजली के दाम बढ़ने की पूरी आशंका होना नकारना गलत होता है.
यहातक्के बताया गया की किस तरह वेकोली से सीधा कोयलेके ट्रक के ट्रक चोरी हुवे है.
जीसपर वेकोली प्रबंधक ने क्या एक्शन लिया.? सवाल खड़ा होता है. उधर देखा जाये तो
कोल वोशारी को उच्चा दर्जा का कोयला नही मिलता वही चोरी करवाकर उच्च प्रतीक कोयला,
खुले बाजार में सरे आम बेचा जारह है. इन सभीके लिए कोण जिम्मेद्दार है. इसका पुक्कता
प्रमाण बना असभव है. इस सभी कोयला चोरी के बारेमे वेकोली के सभी आला अधिकारी के
साथ-साथ वेकोली प्रबंधक/Sub Area को भी
पता है. लेकी इन सभी चिजिमे शायद वेकोली प्रबंधक के सभी अधिकारी मिली जुली सरकार
चला रही हो.?
COMMENTS